अल्कोहलो मे समावयवता के प्रकार प्रकाशिक, श्रृंखला, स्थिति, क्रियात्मक, Alkohalo me samaavayavata
अल्कोहलो मे समावयवता समावयवता किसे कहते हैं संरचना समावयवता के प्रकार
प्रकाशिक समावयवता क्या है
समावयवता के उदाहरण
स्थान समावयवता किसे कहते हैं
श्रृंखला समावयवता क्या है
ज्यामितीय समावयवता क्या है समावयवता उदाहरण
समावयवता कितने प्रकार की होती है?
संरचनात्मक समावयवी के लिए कौन सा कथन गलत है?
कौन प्रकाशिक समावयवता प्रदर्शित करता है?
प्रकाशीय समावयवता क्या है?
अल्कोहलो मे समावयवता के प्रकार प्रकाशिक, श्रृंखला, स्थिति, क्रियात्मक, Alkohalo me smavyavta
अल्कोहलो मे समावयवता :- अल्कोहलो के द्वारा निम्न चार प्रकार की समावयवता दर्शाय जाती हैं
श्रंखला समावयवता
वे योगिक जिनके अणुसूत्र परस्पर समान होते हैं लेकिन श्रंखला भिन्न-भिन्न होती है तो वह श्रंखला समाज अलका दर्शाते हैं और इस श्रंखला को दर्शाने के लिए कम से कम 4 कार्बन होने चाहिए
स्थिति समावयवता
वे योगिक जिनके अनुसूत्र परस्पर सामान होते हैं लेकिन OH समूह की स्थिति बदल जाए तो वे अल्कोहल की स्थिति समावयवता दर्शाते हैं और इस समावयवता को दर्शाने के लिए कम से कम 3 कार्बन होने चाहिए
क्रियात्मक समावयवता
वे योगिक जिनके अनुसूत्र परस्पर सामान होते लेकिन क्रियात्मक समूह बदल जाता है तो वे क्रियात्मक समावयवता को प्रदर्शित करते हैं
Note - अल्कोहल सदैव ईथर के साथ क्रियात्मक समावयवता प्रदर्शित करता है लेकिन इसके लिए न्यूनतम दो कार्बन परमाणु होने चाहिए
प्रकाशिक समावयवता
जब किसी योगिक की संरचना को दर्पण में देखा जाता है तो प्रकाश के ध्रुवण के कारण उसकी वामावर्त एवं दक्षिणावर्त स्थिति बदली हुई सी प्रतीत होती हैं ऐसे योगिक प्रकाशिक समावयवता प्रदर्शित करते हैं
Note - किरेल अणु के द्वारा इस समावयवता को दर्शाया जा सकता है
किरेल अणु
वे योगिक जो एक दूसरे के दर्पण प्रतिबिंब तो होते हैं लेकिन एक दूसरे पर अध्यारोपित नहीं होते हैं तो उसे किरेल अणु कहा जाता है ऐसा तभी संभव होगा जब केंद्रीय कार्बन की चारों संयोजकता है भिन्न-भिन्न हो
प्राथमिक अल्कोहल
यदि किसी अल्कोहल में oH समूह किसी प्राथमिक कार्बन परमाणु (1°) पर जुड़ा हो तो उसे प्राथमिक अल्कोहल कहते हैं
द्वितीयक अल्कोहल
यदि किसी अल्कोहल में oH समूह किसी द्वितीयक कार्बन परमाणु (2°) पर जुड़ा हो तो उसे द्वितीयक अल्कोहल कहा जाता है
तृतीयक अल्कोहल
यदि किसी कार्बन परमाणु में oH समूह तीसरे कार्बन परमाणु पर जुड़ा हो तो उसे तृतीयक अल्कोहल कहा जाता है
Note - अल्कोहल में उपस्थित एल्किल समूह इलेक्ट्रॉनिक दाता प्रकृति के होते हैं अतः जितने इलेक्ट्रॉन दाता बढ़ते जाते हैं उतने ही अल्कोहल की क्रियाशीलता अधिक होती है
अतः इस आधार पर अल्कोहलो की क्रियाशीलता का क्रम
3°>2°>1° > CH3OH
ग्लाइकोल किसे कहते है?
यदि किसी अल्कोहल में भिन्न भिन्न कार्बन पर oH समूह उपस्थित हो तो उसे डाई हाईड्रिक अल्कोहल कहते है और इसको ही ग्लाइकोल भी कहते है
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