12th Physics Notes Pdf Download विद्युत चुंबकीय तरंगें संचार एवं समकालीन भौतिकी(Electromagnetic waves communication and contemporary physics)chapter 17
Electromagnetic waves communication and contemporary physics 12th Physics Notes Pdf, Electromagnetic waves communication and contemporary physics 12th Physics Notes, Electromagnetic waves communication and contemporary physics 12th Physics, Electromagnetic waves communication and contemporary physics 12th, Electromagnetic waves communication and contemporary, Electromagnetic Waves Notes In Hindi Pdf Download
Chapter - 17
विद्युत चुंबकीय तरंग एवं संचार एवं समकालीन भौतिकी
विद्युत चुंबकीय तरंग एवं संचार एवं समकालीन भौतिकी
फैराडे के अनुसार परिवर्तित चुंबकीय क्षेत्र के द्वारा विद्युत क्षेत्र अथवा धारा का निर्माण कर सकते हैं
png image
=> एंपीयर के परिपथ के नियमानुसार निर्वात अथवा वायु में किसी बंद पथ के अनुदेश चुंबकीय क्षेत्र का रेखीय समाकलन पथ के अनुदिश धाराओं के बीजगणितीय योग एवं निर्वात की चुंबकीय शीलता के गुणनफल के बराबर होता है
png इमेज
=> मैक्स वेल के अनुसार परिवर्तित विद्युत क्षेत्र के द्वारा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न कर सकते हैं
png image
Note - परिवर्तित विद्युत क्षेत्र के द्वारा चुंबकीय क्षेत्र एवं परिवर्तित चुंबकीय क्षेत्र के द्वारा विद्युत क्षेत्र उत्पन्न किया जा सकता है
imp*
विस्थापन धारा (Id) :- किसी क्षेत्र में परिवर्तित विद्युत क्षेत्र अथवा विद्युत फ्लक्स में परिवर्तन के कारण उत्पन्न धारा विस्थापन धारा कहलाती है इससे id से व्यक्त किया जाता है
किसी संधारित्र के लिए एंपीयर का परिपथ यह नियम :- माना कि संधारित्र की दो वृत्ताकार प्लेटें जिनको एक बैटरी से जोड़ा गया है कुंजी बंद करने पर संधारित्र में चालन धारा Ic प्राप्त होती है
image
=> विस्थापन धारा से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु -
(1) विस्थापन धारा संधारित्र की प्लेटों के बीच परिवर्तित विद्युत क्षेत्र अथवा विद्युत फ्लक्स में परिवर्तन के कारण उत्पन्न होता है
(2) विस्थापन धारा का मान चालन धारा के बराबर होता है (Ic=Id)
(3) दोनों ही धारा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है
(4) विस्थापन धारा तब तक ही उत्पन्न होती है जब तक कि विद्युत क्षेत्र में परिवर्तन होता है।
विस्थापन धारा के कारण चुंबकीय क्षेत्र का मान ज्ञात करना :- माना कि संधारित्र की दोनों प्लेटों का क्षेत्रफल A है यदि वृत्ताकार प्लेट की त्रिज्या R हो तो A=πR2
माना कि एक बिंदु p जोकि संधारित्र की प्लेटों के मध्य बिंदु के लंबवत r दूरी पर स्थित है एंपियर के नियमानुसार r त्रिज्या के वृत्त आकार लूट की कल्पना करने पर
image
मैक्सवेल समीकरण (गुणात्मक विवेचना) :-मैक्सवेल ने विद्युत चुंबकत्व की 4 समीकरण प्रस्तुत की -
(1) मैक्स वेल की प्रथम समीकरण - स्थिर विद्युत की में गाउस का नियम
image
(2) मैक्स वेल की द्वितीयक समीकरण - चुंबकत्व में गाउस का नियम
image
(3) मैक्स वेल की तृतीय समीकरण - विद्युत चुंबकीय प्रेरण में फैराडे का नियम
image
imp*
(4) मैक्स वेल की चतुर्थ समीकरण - इस समीकरण को एम्पीयर मैक्सवेल समीकरण या मैक्सवेल की संशोधन समीकरण भी कहा जाता है
image
विद्युत चुंबकीय तरंग :- विद्युत चुंबकीय तरंग एक प्रकार की त्रिविमीय तरंग है जिसमें विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र सभी एक दूसरे के लंबवत तथा तरंग संचरण की दिशा के भी लंबवत होते हैं विद्युत चुंबकीय तरंग कहलाती है
विद्युत चुंबकीय तरंग के लिए प्रयोग :-
(1) हर्ट्ज का प्रयोग - हर्ट्ज ने दो धातु की बनी बड़े क्षेत्रफल की दो प्लेटें A व B काम में ली इन प्लेटो से दो धात्विक घुंडियो K1 व K2 जुड़ी होती है
दोनों घुंडियो को प्रेरण कुंडली द्वारा जोड़ा जाता है। जिनकी सहायता से इनके बीच कही हजारों वोल्ट का विभवांतर उत्पन्न किया जा सकता है इन घुंडियो से कुछ दूरी पर एक धात्विक वलय जिनसे दो धात्विक घुंडियो K3 व K4 जुड़ी होती हैं
image
कार्यविधि :- जब प्रेरण कुंडलियों के बीच विभवांतर लगाया जाता है तो घुंडि K1 व K2 के हवा अंतराल में विसर्जन की क्रिया होने लगती है यह विसर्जन घुंडि K3 व K4 के बीच में भी देखने को मिलता है विसर्जन की आवृत्ति 5×10( घाट 7 Hz) होती है
अतः तरंग की तरंग धैर्य -
image
अतः हर्ट्ज ने 6m तरंग धैर्य की विद्युत चुंबकीय तरंग प्राप्त की
(2) जगदीश चंद्र बसु का प्रयोग - भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने लघु विद्युत चुंबकीय तरंग की तरंग धैर्य 5mm से 25mm भी प्राप्त की।
(3) मार्कोनी का प्रयोग - मार्कोनी ने एंटीने की सहायता से कही किलोमीटर तक विद्युत चुंबकीय तरंगों को संचरित किया।
विद्युत चुंबकीय तरंगों का संचरण :- विद्युत चुंबकीय तरंगों में विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र एक दूसरे के लंबवत साथ में तरंग संचरण की दिशा के भी लंबवत होते हैं अतः विद्युत चुंबकीय तरंगे अनुप्रस्थ प्रकृति की होती है
माना कि विद्युत चुंबकीय तरंग x-अक्ष दिशा में गतिशील है विद्युत क्षेत्र y-दिशा में उपस्थित है एवं चुम्बकीय क्षेत्र z दिशा में उपस्थित है।
imp*
विद्युत चुंबकीय तरंग संचरण का चित्र -
image
विद्युत चुंबकीय तरंग के लिए विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र की समीकरण :- माना कि विद्युत चुंबकीय तरंग x-अक्ष दिशा में गतिशील है विद्युत क्षेत्र y-दिशा में उपस्थित है एवं चुम्बकीय क्षेत्र z दिशा में उपस्थित है।
अतः समीकरणे
image
विद्युत चुंबकीय तरंगों के गुण :- Comming Soon